ये 5 लक्षण हो सकते हैं HIV के कहीं आप भी पीड़ित तो नहीं
HIV या एड्स आज सारे विश्व के लिए एक गम्भीर समस्या है। कई विकासशील एवं अविकसित देशों के लिए HIV को एक बड़ी समस्या के तौर पर देखा जाता है। बात केवल अविकसित देशों की नहीं है बल्कि विकसित देशों में भी यह बीमारी कई मौतों की वजह बन चुकी है। यौन सम्बन्ध, दूषित खून एवं इस्तेमाल की हुई सुई इस जानलेवा बीमारी के फ़ैलने की मुख्य वजह है। सुरक्षित यौन सम्बन्ध के जरिये इसे कुछ हद तक सीमित किया जा सकता है एवं इस दिशा में जागरूकता फैलाते हुए प्रयास भी किये जा रहे हैं।
ये 5 लक्षण हो सकते हैं HIV के कहीं आप भी पीड़ित तो नहीं
HIV से संक्रमित होने के बाद काफी समय तक इस बीमारी का पता नहीं चल पाता है। परंतु यदि आप थोड़ी सावधानी बरतें तो समय पर इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में जो बताते हैं कि कहीं आप HIV का शिकार तो नहीं।
1. लंबे समय तक बुखार
वैसे तो बुखार एक सामान्य बीमारी ही है। परंतु यदि यही बुखार लंबे समय तक आपका पीछा ना छोड़े तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। बुखार होना HIV संक्रमण का एक बड़ा लक्षण है। इसीलिए यदि आप अक्सर एवं लंबे समय तक बुखार से ग्रसित रहते हैं तो आपको तुरंत ही अस्पताल जाकर HIV की जांच करवा लेनी चाहिए।
2. थकान
HIV के विषाणु हमारे शरीर की कार्यक्षमता पर बहुत बुरा प्रभाव डालते हैं। इसी वजह से यदि आपको अक्सर थकान महसूस होने लगे एवं आप किसी तयशुदा काम को शुरू करने से पहले ही थके हुए रहने लगें तो आपको सावधान होने की जरुरत है।
3. मांसपेशियों में जकड़न
HIV संक्रमित होने पर हमारे शरीर की मांसपेशियों पर भी इसका विपरीत असर दिखाई देता है। HIV ग्रसित व्यक्ति अक्सर ही मांसपेशियों में जकड़न की समस्या से जूझता हुआ दिखाई देता है।
4. एकाग्रता में कमी
एक बीमार शरीर की सबसे बड़ी पहचान होती है उसकी एकाग्रता में भारी कमी। इंसान चाह कर भी अपने काम या पढ़ाई में पूरा ध्यान नहीं लगा पाता है।
5. रात के समय पसीने से परेशान रहना
इस बिमारी से संक्रमित होने पर रातें हमेशा बेचैनी में गुजरती है। पीड़ित इंसान अपनी रातें करवटें बदलने में ही गुजार देता है एवं दम घुटने व बेचैनी होने की वजह से नींद भी उससे कोसो दूर ही रहती है।
यदि आप भी इन लक्षणों से जूझ रहे हैं तो फ़ौरन किसी चिकित्सक की सलाह लें। यह HIV हो सकता है।
ये 5 लक्षण हो सकते हैं HIV के कहीं आप भी पीड़ित तो नहीं
Reviewed by Ankita
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शुक्रवार, दिसंबर 30, 2016
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