साइना नेहवाल के प्रेरणादायक विचार हिंदी में
पद्मश्री , द्रोणाचार्य खेल पुरूस्कार और राजीव गाँधी खेल पुरूस्कार जीतने वाली साइन नेहवाल दुनिया सी सबसे बेहतरीन और नंबर एक खिलाडी है।ओलंपिक्स खेलो में बैडमिंटन में मेडल जितने वाली वह पहली भारतीय है। 4 अगस्त 2012 को लन्दन ओलंपिक्स में सायना ने ब्रोंज मेडल जीता था। प्रकाश पादुकोण के बाद वह पहली भारतीय और पहली भारतीय महिला है जो नंबर एक अंतरराष्ट्रिय बैडमिंटन खिलाडी बनी। इसके अलावा वह वर्ल्ड जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप और सुपर सीरिज टूर्नामेंट जीतने वाली वह पहली भारतीय है। एक महिला बैडमिंटन खिलाडी द्वारा कही गयी ये बाते हमें देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करती है :-
साइना नेहवाल के प्रेरणादायक विचार हिंदी में (Inspirational Quotes from Saina Nehwal in Hindi)
साइना नेहवाल के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
जन्मतिथि :17 मार्च , 1990
जन्मस्थान : हिसार , हरियाणा
पिता : हरवीर सिंह नेहवाल
माता : उषा नेहवाल
अवार्ड : पद्मश्री,पद्म भूषण ,अर्जुन अवार्ड ,राजिव गाँधी खेल रत्न अवार्ड।
Quotes :-
मैं विश्वास नहीं कर सकती हमारे समाज में जाति व्यवस्था है ,और लोगों को उनकी समृद्धि के आधार पर आँका जाता है।
जब आप अपने लक्ष्य से संतुष्ट होते है यही असली ख़ुशी है।
मेरी ओलिंपिक जीत के बाद निश्चित रूप से भारतीय बैडमिंटन आगे बढेगा अब और अधिक खिलाड़ी इसमें भाग लेंगे।
मैं बैडमिंटन खेलने से ज्यादा जीतना पसंद करती हूँ ,जीत ही सब कुछ है।
मैं कोई मैच जीतने के बाद इसका जश्न आइसक्रीम से मनाती हूँ।
मेरे माता पिता शौकिया बैडमिंटन खिलाड़ी है। मेरे पिता एक साइंटिस्ट है और मुझे एक डॉक्टर बनाना चाहते थे ,परंतु मेरी माँ बैडमिंटन से काफी लगाव रखती हैं, उन्होंने नौ वर्ष की उम्र से मुझे इस खेल के लिए प्रेरित किया।
मैं कभी नहीं सोच सोच सकती कि भारत बैडमिंटन में कोई पदक जीत सकता है क्योंकि बैडमिंटन में प्रतिस्पर्धा इतनी कठिन है।
बैडमिंटन क्रिकेट के जीतना आकर्षक नहीं है।
मैं हमेशा से एक ओलंपिक पदक जीतना चाहती थी। मैं उस मंच पर भारत के राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर और ऊपर जाते देखना चाहती थी।
मेरे लिए रैंकिंग महत्वपूर्ण नहीं है मैं सिर्फ टूर्नामेंट जीतने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहती हूँ।
बैडमिंटन भारत में एक लोकप्रिय खेल नहीं है।
मैं किसी से डरती नहीं हूँ , अगर मैं अच्छा खेली तो अच्छी बात अगर नहीं तो मैं मैच से सीखती हूँ और आगे बढ़ती हूँ।
मुझे नहीं लगता मेरे पास दूसरों को बैडमिंटन सीखाने के लिए क्षमता या धैर्य है।
मैं एक इंसान हूँ और यह आम बात है जब आप निराश होते हैं आप रोते हैं मैं बहुत बार रोई हूँ।
सभी खेलों को सरकार और कॉर्पोरेट जगत से मदद मिलनी चाहिए।
मैं एक सामान्य लड़की हूँ। मैं बाहर जाना पसंद नहीं करती , मैं नहीं जानती आनंद क्या है ?
मुझे लगता है शिक्षा वास्तव में महत्वपूर्ण है और इससे किसी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहिए।
साइना नेहवाल के प्रेरणादायक विचार हिंदी में
Reviewed by Ankita
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मंगलवार, दिसंबर 20, 2016
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