कितना पुराना है भारत में ब्रा पहनने का इतिहास आप भी जानिए
आज जो भी चीज़ हम इस्तेमाल करते हैं उसका एक अतीत होता है उदाहरण के तौर पर आपका फ़ोन कई चरणों के विकास के पश्चात फ़ोन आपकी जेब तक पहुंचा है। उसी तरह ब्रा का भी अपना अनूठा इतिहास है और चरणों के विकास के पश्चात आज यह सभी महिलाओं के लिए एक अहम वस्त्र है। आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे कैसे ब्रा का अविष्कार हुआ। कैसे यह आज के अपने रूप में पहुंची तो आईये जानते हैं विस्तार से।
महिलाओं के इस ख़ास कपडे की शुरआत 14 वीं शताब्दी ईसा पूर्व में मोनोअन सभ्यता युग के दौरान हुई थी जिसका सबूत उस युग से प्राप्त तस्वीरों से मिलता है कुछ महिला एथलीटों पर ब्रा या बिकनी जैसी कपड़ों को चित्रित किया गया है। भारत में ब्रा के लिए पहला ऐतिहासिक संदर्भ राजा हर्षवर्धन (1 शताब्दी ईस्वी) के शासन के दौरान पाया जाता है। विजयनगर साम्राज्य के दौरान आधे बाजू वाली तंग चोली या कंचुकी पहनने की परंपरा भी इतिहास में मिलती जिसके अनुसार युवा लड़कियों को भी इस तरह की तंग चोली या कंचुकी पहननी पड़ती थी। 17वी और 18वीं शताब्दी के समय ब्रा की जगह पर सफेद अंडरगारमेंट का चलन शुरू हुआ था। और यह एक कमीज की तरह दिखती थी। और फिर महिलाए 1885 के दशक में कोर्सेट पहना करती थी। जो एक प्रकार की जैकेट के समान हुआ करता था।कोर्सेट की अगर बात करें तो इसके पीछे डोरियां हुआ करती थी। जिसे काफी टाइट रखा जाता था।
लेकिन टाइट ब्रा पहनने के कारण जी घबराना , पेट में गड़बड़ी और सांस फूलने जैसी कई समस्याएं होती थी इसलिए कोर्सेट को पहनना बंद कर दिया गया आज कल जो ब्रा प्रचलन में उसका अविष्कार 1889 फ्रांस की हरमिनी काडोले ने किया था इसके लिए उन्होंने दो रुमाल के टुकड़ों को एक स्ट्रिप से जोड़ा था। महिलाओं को यह ब्रा काफी पसंद आने लगी क्यूंकि यह पहनने में काफी आसान और आरामदायक थी। तो यह था ब्रा से जुड़ा रोचक इतिहास आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
कितना पुराना है भारत में ब्रा पहनने का इतिहास आप भी जानिए
Reviewed by Ankita
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गुरुवार, जुलाई 13, 2017
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