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आखिर नवरात्रि के एक दिन बाद ही क्यों मनाया जाता है दशहरा

आखिर नवरात्रि के एक दिन बाद ही क्यों मनाया जाता है दशहरा 

#दशहरा एक ऐसा पर्व है जिसे माँ दुर्गा और भगवान श्री राम से जोड़कर देख जाता  है। ऐसी मान्यता है कि माता दुर्गा ने महिषासुर राक्षस से लगातार 9 दिनों तक युद्ध करके दशहरे के दिन ही उसका वध किया था। इसलिए नवरात्री के 9 दिनों बाद दसवें दिन को नौ शक्ति के विजय - दिवस के रूप में विजयादशमी के नाम से मनाया जाता है। 



जबकि भगवान् श्री राम ने लंकापति रावण से नौ दिनों तक युद्ध करके दसवें दिन उसका वध किया था , इसलिए  इस दिन को भगवान श्री राम के सन्दर्भ में भी विजयादशमी के रूप में मनाते है। साथ ही इस दिन रावण का वध हुआ था जिसके दस सर थे,  इसलिए इस दिन को दशहरा यानी  दस सिर वाले के प्राण हरण होने वाले दिन के रूप में भी मनाया जाता है। 






दशहरे के दिन क्यों किया जाता है  शस्त्र एवं शास्त्र पूजन ?




दशहरे के दिन शस्त्र पूजन का भी विधान है।  इस दिन राजपूत शस्त्र पूजा करते है जबकि ब्राह्मण शास्त्र -पूजन करते है क्योंकि प्राचीन काल में जब राजा महाराजा किसी दूसरे राज्य पर आक्रमण करते थे तो वे इसी दिन का चुनाव करते थे ,जबकि ब्राह्मण जब विद्यार्जन के लिए घर से निकलते थे तो दशहरे के दिन ही निकला करते थे। 

हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन जो भी काम किया जाता है उसमें विजय यानी सफलता प्राप्त होती है। इसी मान्यता के कारण  व्यापारी नए व्यापार या प्रतिष्ठान का उद्धघाटन करने के लिए इस दिन को उतना ही महत्व देते हैं जितना दीवाली से पहले धनतेरस को। 







दशहरे के इस पावन पर्व पर हम सब यह सोचने के लिए बाध्य हो कि देश और समाज कि प्रगति के लिए हम अपनी सभी बुराइयों को भी रावण के पुतले के साथ सदा-सदा के लिए जला देंगे और समाज देश कि उन्नति के लिए कार्य करेंगे, तभी हमारी सही मायने में रावण पे विजय होगी. युवा देश का भविष्य है, अगर युवा पीढ़ी अपनी सोच में बदलाव लाएगी तो समाज में बुराई का असुर पूर्ण रूप से समाप्त हो जायेगा. दशहरे के त्योहार के प्रति आदर, सम्मान प्यार को रखते हुए, अपने जीवन को अच्छा बनाने कि ओर अग्रसर करेंगे. हमें स्वंय को बदलना है किसी ओर को नही. क्योकि हमारे अंदर आया बदलाव दूसरो को स्वंय ही बदलने को प्रेरित करेगा। 

इस उम्मीद के साथ कि कम से कम भारत में दशहरे का असली महत्व और अर्थ समझा जायेगा. इस पावन पर्व पर ईश्वर सभी को सत्य, ज्ञान और शक्ति दे। 







अपने प्रियजनों और दोस्तो के साथ इस पर्व को एक नई सोच के साथ मनाएँ. आप सभी को हमारी ओर से दशहरे कि हार्दिक शुभकामनाएँ। 



आखिर नवरात्रि के एक दिन बाद ही क्यों मनाया जाता है दशहरा आखिर नवरात्रि के एक दिन बाद ही क्यों मनाया जाता है दशहरा Reviewed by Ankita on शुक्रवार, अक्तूबर 07, 2016 Rating: 5
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