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800 साल पहले भय से मुहम्मद गौरी ने इस मंदिर को मस्जिद में तब्दील करवाया

800 साल पहले राजस्थान के अजमेर में एक मंदिर को मस्जिद में तब्दील कर दिया गया था। खास बात यह रही कि इसे मंदिर से मस्जिद बनाने में सिर्फ अढाई दिन का समय लगा और तभी से इसका नाम अढाई दिन का झोपड़ा पड़ गया। कुछ का मानना है कि यहां हर साल ढाई दिन का मेला लगता है इसीलिए इसे अढाई दिन का झोपड़ा कहते हैं। यह ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह से आगे कुछ ही दूरी पर स्थित है।

अढाई दिन का झोपड़ा अजमेर , राजस्थान 

आखिर मंदिर को मस्जिद में क्यों किया तब्दील

11वीं सदी के अंतिम दशक में मुहम्मद गोरी ने तराई के युद्ध में महाराजा पृथ्वीराज चौहान को परास्त कर दिया और उसकी फौजों ने अजमेर में प्रवेश के लिए कूच किया तो गोरी ने वहां नमाज अदा करने के लिए मस्जिद बनाने की इच्छा प्रकट की और इसके लिए 60 घंटे का समय दिया। तब इस मंदिर को ढाई दिन में मस्जिद बना दिया। इस तरह इसका नाम अढाई दिन का झोपड़ा पड़ा। इसका स्थापत्य हिन्दू व जैन मन्दिरों के अवशेषों से तैयार है।

आर्कषण का केन्द्र हैं मूर्तियों की आकृतियां

इस इमारत में 7 मेहराब एवं हिंदू-मुस्लिम कारीगिरी के 70 खंबे बने हैं तथा छत पर भी शानदार कारीगिरी की गई है। स्तंभों की ऊंचाई लगभग 25 फीट है और उनमें लगभग 20 फीट की ऊंचाई तक अति सुंदर नक्काशी का काम है। जिसमें अत्यंत सुंदर नमूने बने हुए हैं जिनके ऊपर चित्ताकर्षक आकृतियां भी हैं। यह एक अस्वाभाविक बात है कि उनमें कोई भी ऐसी आकृति नहीं है जिसका सर न काटा गया हो। यहां सुंदर नक्काशीदार दरवाजा लगाया गया। इसका श्रेष्ठ वर्णन फ्यूहरर द्वारा पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की 1893 की वार्षिक रपट में इन शब्दों में किया गया है - "समूचे बहिर्मार्ग में इतनी महीन और कोमल नक्काशी की जाली तराशी गई है कि उसकी तुलना महीन जालीदार कपड़े से की जा सकती है।'



800 साल पहले भय से मुहम्मद गौरी ने इस मंदिर को मस्जिद में तब्दील करवाया 800 साल पहले भय से मुहम्मद गौरी ने इस मंदिर को मस्जिद में तब्दील करवाया Reviewed by Ankita on मंगलवार, मई 30, 2017 Rating: 5
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