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करवा चौथ व्रत विधि (Karwa Chauth Vrat Vidhi)

करवा चौथ व्रत विधि (Karwa Chauth Vrat Vidhi)


कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ के व्रत का पूर्ण विर्ण वामन पुराण में किया गया है।





करवा चौथ 2016 (Karwa Chauth 2016 )


इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 19 अक्टूबर को रखा जाएगा।


करवा चौथ पूजा विधि (Karwa chauth Puja vidhi )






नारद पुराण के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। करवा चौथ की पूजा करने के लिए बालू या सफेद मिट्टी की एक वेदी बनाकर भगवान शिव- देवी पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, चंद्रमा एवं गणेशजी को स्थापित कर उनकी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।

पूजा के बाद करवा चौथ की कथा सुननी चाहिए तथा चंद्रमा को अर्घ्य देकर छलनी से अपने पति को देखना चाहिए। पति के हाथों से ही पानी पीकर व्रत खोलना चाहिए। इस प्रकार व्रत को सोलह या बारह वर्षों तक करके उद्यापन कर देना चाहिए।

चन्द्रोदय समय (Karwa Chauth Puja Timings in Hindi)






पौराणिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के दिन शाम के समय चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोला जाता है। इस दिन बिना चन्द्रमा को अर्घ्य दिए व्रत तोड़ना अशुभ माना जाता है। वर्ष 2016 में पूजा और चन्द्रमा निकलने का समय निम्न है: 

साल 2016 में करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त : शाम 05 बजकर 43 मिनट से लेकर 06 बजकर 59 मिनट तक

करवा चौथ के दिन चंद्रोदय: रात 08.51 बजे


करवा चौथ व्रत विधि (Karwa Chauth Vrat Vidhi) करवा चौथ व्रत विधि (Karwa Chauth Vrat Vidhi) Reviewed by Ankita on शुक्रवार, अक्तूबर 14, 2016 Rating: 5
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